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शे'र
अब तो मैं राहरव-मुल्क-ए-अ’दम होता हूँतिरा हर हाल में हाफ़िज़ है ख़ुदा मेरे बा’द
मौलाना अ’ब्दुल क़दीर हसरत
शे'र
तुझ से मिलने का बता फिर कौन सा दिन आएगाई’द को भी मुझ से गर ऐ मेरी जाँ मिलता नहीं
अकबर वारसी मेरठी
शे'र
ऐ जान-ए-मन जानान-ए-मन हम दर्द-ओ-हम दरमान-ए-मनदीन-ए-मन-ओ-ईमान-ए-मन अम्न-ओ-अमान-ए-उम्मताँ